बीते जमाने के सफल अभिनेताओं में से एक धर्मेन्द्र का नाम आपने सुना ही होगा सफलता के इस मकाम तक पहुँचने के लिए धर्मेन्द्र ने काफी मेहनत की थी फिर भी एक सफल अभिनेता बनने के लिए सितारों का बुलंद होना भी आवश्यक है
कुछ ऐसा ही धर्मेन्द्र के साथ भी हुआ जब वह एक कंटेस्ट में प्रतिभागी बने और विजयी रहे यह उनके लिए पहली सफलता थी जैसा की लग्न से ही स्पष्ट है लग्नेश मंगल उच्च राशी मैं पराक्रम स्थान मैं हैं
किसी भी फिल्म स्टार के लिए राहू का शुभ होना अति आवश्यक होता है क्योंकि राहू ही वह चकाचौंध भरी दुनिया है जो दिखने में बहुत सुहावनी लगती है और है उतनी ही रहस्यमयी फिर पांचवां घर जो मनोरंजन के लिए जाना जाता है उसका बलवान होना सिद्ध करता है की जातक अवश्य ही मनोरंजन की दुनिया में कुछ विशेष करेगा और धर्मेन्द्र के पांचवें घर की बात करें तो लग्न से पांचवां घर गुरु की स्वग्रही दृष्टि से समृद्ध है इसके अतिरिक्त द्रेशकोण चक्र में भी गुरु पांचवें घर में स्वराशी में ही विराजमान है | इस तरह कोई शक ही नहीं रह जाता की धर्मेन्द्र के सफल अभिनेता होने में |
साल 1960 में उनकी पहली फिल्म आई दिल भी तेरा हम भी तेरे | उस समय राहू की दशा शुरू नहीं हुई थी इस लिए कोई ख़ास सफलता नहीं मिली परन्तु साल 1962 में राहू की दशा शुरू हुई तो धर्मेन्द्र के करियर को फिल्म अनपढ़ से एक दिशा मिली | राहू की महादशा और राहू के अंतर में ही साल 1964 तक धर्मेन्द्र फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक जगह बना चुके थे | फिर भी उन्हें किसी बड़ी सफलता का इन्तजार था | परन्तु 1964 के अंत में राहू में जब बृहस्पति का समय आया तो उन्हें एक ऐसी फिल्म मिली जो आगे चलकर उनके करियर को काफी मजबूत बनाने वाली थी और साल 1965 में गुरु के अंतर का जब मध्यकाल आया तो उनकी यह फिल्म फूल और पत्थर आई और धर्मेन्द्र को एक्शन हीरो के रूप में स्थापित कर गई
वैसे राहू को एक पाप ग्रह माना जाता है परन्तु फ़िल्मी दुनिया में राहू का ही बोलबाला चलता है क्योंकि जो है वह कभी दिखाई नहीं देता और जो दिखता है वह है मात्र दिखावा तो दिखावे की इस दुनिया में राहू ने एक फिल्म इंडस्ट्री को एक और सितारा दिया जिसने अपनी दशा के चलते 1962-1980 धर्मेन्द्र को सफलता के कई मुकाम दिए |
राहू की दशा में बुध केतु और शुक्र का समय धर्मेन्द्र के जीवन का स्वर्ण काल सिद्ध हुआ उस समय
मेरा गाव मेरा देश, जुगनू, यादों की बरात और शोले जैसी फिल्मे आई जिन्होंने धर्मेन्द्र को भरपूर शोहरत दी साथ ही हिंदी सिनेमा को सदाबहार फिल्मों से समृद्ध कर दिया
राहू की महादशा के बाद गुरु की महादशा में भी धर्मेन्द्र एक सफल अभिनेता के रूप में फ़िल्मी दुनिया को अपनी फिल्मों की शोहरत से चकाचौंध करते रहे | धर्मेन्द्र एक ऐसे अभिनेता रहे जो उस उम्र में भी हीरो के रोल करते दिखे जिसमे दूसरे कई सितारे पिता या दादा का रोल करते हैं उन्हें इस तरह जवान बनाए रखने में मंगल ने उनकी काफी मदद की | मंगल यदि कुंडली में शुभ हो तो व्यक्ति को देर तक जवान रखता है | धर्मेन्द्र की कुंडली के षोडशवर्ग में मंगल का बल काफी अधिक है यानी सोलह कुंडलियों में से आठ कुंडलियों में उच्च या स्वराशी का मंगल ही वह ग्रह है जो ताकत, साहस, क्रोध और उत्साह का देवता है और इसी मंगल ने अपनी छवि धर्मेन्द्र की फिल्मों में प्रदर्शित की है